दाऊद इब्राहिम के सारा – सहारा शॉपिंग सेंटर का मामला 10 अक्टूबर को होगी सुनवाई.
मुंबई, सेशन कोर्ट द्वारा सारा सहारा शॉपिंग सेंटर को अवैध घोषित किये जाने के आदेश के बाद सारा सहारा शॉपिंग सेंटर के 141 मालिकों ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जांच में आरोप लगा कि यह शॉपिंग सेंटर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का है. इस पूरे शॉपिंग सेंटर को अवैध घोषित करने के सेशन कोर्ट के आदेश को मालिकों ने मुंबई हाई कोर्ट में चुनौती दी है.
याचिका पर न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण के समक्ष सुनवाई की गयी. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि तुम किस गिरोह से हो? कोर्ट ने सवाल उठाया की इस मामले में मकोका का अपराध क्यों दर्ज किया गया? हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को 10 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में इस अपराध का विवरण पेश करने का आदेश दिया है.
दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर ने करवाया था कब्जा.
जिस सारा सहारा शॉपिंग सेंटर की जमीन को अवैध घोषित किया गया वो केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की है. ब्रिटिश सरकार ने साल 1939 में यह जगह एम. मोमिन को पट्टा पर दी. 1979 में मोमिन की मौत हो गयी. इसके बाद इस जगह पर अतिक्रमण हो गया. आरोप था कि दाऊद के भाई इकबाल कासकर ने मनपा अधिकारियों से हाथ मिला कर उस जगह पर कब्ज़ा कर लिया था.
शॉपिंग सेंटर क्रॉफर्ड मार्केट के पास पुलिस आयुक्तालय से चंद मिनट की दूरी पर था. उस समय यह इमारत चर्चा का विषय बन गई थी जब यह आरोप लगा था कि यह शॉपिंग सेंटर दाऊद का है. जांच एजेंसी ने मनपा के अधिकारियों की मिलीभगत से इस शॉपिंग सेंटर के निर्माण को भी जिम्मेदार कहा है. उस समय इस मामले में मुंबई पुलिस ने मकोका के तहत मामला दर्ज किया था. आगे की जांच के मामले में मनपा अधिकारियों की संलिप्तता के बारे में भी पता चला था.
सहारा के शॉप मालिकों ने सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर किया. कोर्ट ने दावे को खारिज कर दिया. जिसके बाद मनपा ने निर्माण कार्य शुरू कराया. फिर मामला हाई कोर्ट और सीधे सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. लेकिन अदालत ने निर्माण कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.