विविध मांगो को लेकर महानगर पालिका के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर.
चंद्रपुर: शहर में कार्यरत मनपा सफाई कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार, 6 अक्तूबर से मनपा के सामने हड़ताल पर बैठे हैं. सफाई कर्मियों की हड़ताल के परिणाम दिखाई दे रहे हैं. शहर में विभिन्न चौराहों पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं. यह हड़ताल संत गाडगेबाबा असंगठित कामगार संगठन के नेतृत्व में जारी है. आंदोलन के तीसरे दिन भी कर्मचारी हड़ताल पर रहे. इस हड़ताल में 300 कर्मचारियों ने भाग लिया.
ऐसे में चंद्रपुर महानगर पालिका की ओर से कचरा संग्रहण के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. मनपा ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि घरों से निकलनेवाला कचरा कचरागाड़ी मैं ही डाले. कर्मचारियों की हड़ताल से शहर में विभिन्न जगहों पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं. गाडगेबाबा असंगठित कामगार संगठन का कहना है कि मनपा प्रशासन की ओर से हमारी मांगें जबतक पूरी नहीं की जाएगी तबतक हमारी हड़ताल शुरु रहेगी.
संगठन के रतन गायकवाड़ का कहना है कि हमें 661 रुपए प्रतिदिन की रोजी है, लेकिन संबंधितों द्वारा 550 रुपए ही दिए जाते हैं आंदोलनकारियों का कहना है कि अपनी जान जोखिम में डालकर शहर के गली- में मोहल्लों को साफ सुथरा रखते हैं. शहर में त्योहार रहे या पूरे साल भर सफाई का जिम्मा हम कर्मचारियों पर ही रहता है, इस बीच जबतक हमारी मांगें पूरी नहीं होती है, तब तक कोई संगठन का सफाई कर्मी काम पर वापस नहीं लौटेगा. साथ ही मनपा द्वारा निजी ठेकेदारों के माध्यम से घंटीगाड़ी चलाकर आंदोलन में फूट डालने का प्रयास किया जा रहा है.
अस्पताल में हर जगह फैला मेडिकल वेस्ट.
जिला अस्पताल में वार्डों, पैथ लैब व अन्य विभागों से निकला मेडिकल वेस्ट का नियमित निस्तारण किया जाता है. लेकिन गत दो दिनों से सफाईकर्मियों की हड़ताल के चलते जिला अस्पताल स्थित आक्सीजन प्लांट से सटे मेडिकल बायो वेस्ट विभाग के समीप कचरे के ढेर से भारी बदबू आ रही है. जानकारी के अनुसार, अस्पताल से कचरा उठाने की जिम्मेदारी मनपा की होती है, नियमित बायो वेस्ट विभाग से कचरा उठाया जाता है.
गत दो दिनों से परिसर से कचरा उठाए न जाने से परिसर में कचरे के ढेर लगे हैं. सफाईकर्मियों की हड़ताल का असर अस्पताल परिसर में लगे कचरे के ढेर से बयां हो रहा है. साथ ही परिसर में तेज बदबू फैली हुई है.