राज्ये के विभिन्न हिस्सों में प्याज़ पर मचा सियासी घमासान.
मुंबई : केंद्र सरकार की ओर से प्याज पर निर्यात शुल्क अचानक 40 प्रतिशत बढ़ा दिए जाने के बाद प्याज किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. इसके बाद केंद्र सरकार ने नाफेड के जरिये 2,410 रुपए प्रति क्विंटल की दर से राज्य से दो लाख मीट्रिक टन प्याज खरीदने की घोषणा की, लेकिन इस पर अब राज्ये में सियासी घमासान शुरू हो गया है. नेता इस मुद्दे में सियासी तड़का लगाकर अपनी रोटी सेंकने की कोशिश कर रहे हैं.
शरद पवार की मांग प्याज को 4000 भाव दें सरकार.
राकांपा प्रमुख एवं पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा है कि केंद्र सरकार ने 2,410 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्याज खरीदने का फैसला किया है, जो कि बहोत कम दर है. इस भाव में किसानों का प्याज उत्पादन में होने वाला खर्च भी नहीं निकलेगा. इसलिए शरद पवार ने मांग की है कि सरकार को प्याज के लिए 4,000 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान करना चाहिए.
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्याज खरीदी को लेकर जो फैसला किया है, वह उम्मीदों पर खरा नहीं उतरेगा. यह प्याज लंबे समय तक टिकने वाला प्याज है. इसलिए किसान इंतजार करने को तैयार हैं. उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार को निर्यात शुल्क कम करना चाहिए. इस पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जब वे कृषि मंत्री थे तो उन्होंने कभी इतनी कीमत नहीं दी थी. पवार ने पलटवार करते हुए कहा, “जब मैं कृषि मंत्री था, तब निर्यात शुल्क कभी 40% तक नहीं बढ़ाया गया था.” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इसे कम करना चाहिए.
नाना पटोले का बयान किसानो को किया जारहा गुमराह.
नागपुर: कांग्रेस द्वारा राज्यभर में निकाली जाने वाली जनसंवाद यात्रा की तैयारी के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने मंगलवार को रवि भवन में पूर्व विदर्भ के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक ली. यहां पटोले ने कहा कि प्याज की कीमतों में गिरावट के बाद राज्य सरकार ने नाफेड के जरिए प्याज खरीदने की घोषणा की थी, लेकिन असल में नाफेड से प्याज नहीं खरीदा है. किसानों को गुमराह किया जा रहा है. नाना पटोले ने राज्य सरकार से सवाल किया की उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जापान से यह बयान दिया है की नाफेड द्वारा प्याज़ खरीदा जायेगा लेकिन इसपर आखिर ४० प्रतिशत निर्यात शुल्क माफ़ क्यों नहीं किया गया.