शिक्षकों ने परीक्षा का बहिष्कार कर किया निषेद आंदोलन, शामिल हुए 110 शिक्षक.
शिक्षकों ने परीक्षा का बहिष्कार कर किया निषेद आंदोलन, शामिल हुए 110 शिक्षक.
Wardha :आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत आश्रमशालाओं की गुणवत्ता बढ़े इसके लिए शिक्षकों की क्षमता जांच परीक्षा अनिवार्य की गई है. रविवार की दोपहर 2 से 3.30 बजे के दौरान परीक्षा ली गई. परंतु उक्त परिक्षा पर आश्रम शाला के शिक्षकों ने बहिष्कार डालते हुए निषेध आंदोलन किया, जिससे केंद्र पर सन्नाटा छाया रहा. जिले के 110 शिक्षकों ने निषेध आंदोलन में हिस्सा लेकर आदिवासी विकास विभाग के प्रति असंतोष जताया. आदिवासी विकास विभाग के अंतर्गत आश्रमशाला के शिक्षकों को 100 अंक की क्षमता जांच परीक्षा अनिवार्य की गई. आदिवासी आयुक्त नयना गुंडे के निर्णय का आदिवासी विकास मंत्री डा. विजयकुमार गावित ने समर्थन दिया.
निजी स्कूलों की तुलना में आदिवासी आश्रमशाला विद्यार्थी की गुणवत्ता कम होने से यह उपक्रम चलाया जा रहा है समयानुसार शिक्षकों में भी कुछ बदलाव जरूरी है. विद्यार्थियो के साथ ही शिक्षकों की गुणवत्ता सुधारने यह उपक्रम होने की बात कही गई. कुछ शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध भी जताया. बावजूद इसके प्रशासन ने रविवार को परीक्षा रखी. जिले में 8 आश्रमशालाएं है. इसमें 2 शासकीय व 6 अनुदानित है. यहां पढ़ाने वाले 110 शिक्षकों के लिए लोक महाविद्यालय में परीक्षा केंद्र दिया गया था. परंतु शिक्षकों ने केंद्र के सामने एकत्रित आकर परीक्षा का बहिष्कार करने का निर्णय लेकर काला रिबन लगाकर निषेध जताया.
शिक्षकों ने इन मुद्दों की ओर खींचा ध्यान.
शिक्षक पद पर नियुक्ति करते समय शैक्षणिक पात्रता व व्यावसायिक पात्रता जांच करके ही अपर आयुक्त कार्यालय ने वैयक्तिक मान्यता प्रदान की है. शिक्षक कर्मी की शैक्षणिक क्षमता पर प्रश्नचिन्ह निर्माण करना, सेवाशर्त नियमावली 1981 व आश्रमशाला संहिता में व्यवस्था से विसंगत भूमिका है. यह शिक्षकों का अपमान है. आश्रमशाला में कार्यरत सभी शिक्षक सामान्य शाला के शिक्षकों से अधिक कार्य करते है. शिक्षकों की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण लिया जाये. इससे अध्यापन कार्य करने में अधिक मदद मिलने की बात शिक्षकों ने कही है.
शासन निर्देश पर की जाएगी कार्रवाई
आदिवासी आश्रमशालाओं में विविध उपक्रम चलाये जा रहे है इसके लिए शिक्षक जरूरी विद्यार्थी व शिक्षकों की गुणवत्ता बढ़ने में मदद मिले, इसके लिए क्षमता जांच परीक्षा ली गई. परंतु कुछ संगठनों ने परीक्षा पर बहिष्कार डाला है. परीक्षा में अनुपस्थित शिक्षकों पर शासन निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.
– दीपक हेडाऊ, प्रकल्प अधिकारी- वर्धा.