रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लगाया इस बैंक पर प्रतिबन्ध खून-पसीने की कमाई डूबने की आशंका से भड़के खाताधारक.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लगाया इस बैंक पर प्रतिबन्ध खून-पसीने की कमाई डूबने की आशंका से भड़के खाताधारक.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लगाया इस बैंक पर प्रतिबन्ध खून-पसीने की कमाई डूबने की आशंका से भड़के खाताधारक.

छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद): रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की ओर से शहर के अजंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर छह महीने के लिए लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसकी जानकारी प्राप्त होते ही सैकड़ों की संख्या में खाताधारकों ने बुधवार को बैंक के दोनों शाखा उस्मानपुर व राजा बाजार पहुंच कर खूब हंगामा किया. पाबंदी की वजह से रुपए की निकासी नहीं होने पर लोगों का गुस्सा और भड़क गया. लोगों ने बैंक अधिकारियों से जमकर बहस की.

घंटों तक चले इस हंगामे की वजह से बैंक कर्मियों के पसीने छूटने लगे. किसी तरह खाताधारकों को समझाकर शांत कराया गया. शहर में बीते 25 साल से संचालित अजंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की उस्मानपुरा और जाधवमंडी में शाखाएं चल रही हैं. आरबीआई ने मंगलवार को अजंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर छह महीने के लिए लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया है. आरबीआई के आदेश का पता चलते ही बुधवार की सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में खाताधारकों की भीड़ अजंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में जमा हो गई.

सभी अपने-अपने खाते से रुपए निकालने की मांग करने लगे, जबकि बैंक कर्मचारी निकासी पर रोक का हवाला देते रहे. इस पर लोग भड़क गए. कइयों ने बैंक मैनेजर व कर्मियों के साथ कहासुनी तक की. हंगामे को देखते हुए बैंक के चेयरमैन सुभाष झांबड ने पहुंच कर आक्रोशित खाताधारकों को शांत कराया और उन्होंने सभी के जमा पूंजी सुरक्षित होने और जल्द ही रुपए की निकासी शुरु होने का भरोसा दिलाया. काफी जद्दोजहद के बाद खाताधारक लौट गए. हालांकि खाताधारकों ने रुपए जल्द नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

परेशान खाताधारक ने दी आत्मदाह करने की धमकी.

अजंता अर्बन बैंक शाखा में बुधवार को खाताधारकों का गुस्सा सातवें आसमान पर नज़र आया. जाधवमंडी शाखा में जहां सैकड़ों खाताधारक पहुंच कर हंगामा कर रहे थे, वहा एक खाताधारक खुद पर केरोसिन डालकर पहुंच गया. उसने खाते से रुपए नहीं निकलने पर बैंक परिसर में ही आत्मदाह करने की धमकी तक दे डाली. इससे बैंक कर्मि घबरा गए. हालांकि किसी तरह उसे समझाकर शांत कराया गया.

खाताधारकों के आँखों से छलके आंसू.

अजंता बैंक शाखा में पहुंचे कई खाताधारकों में अपनी पाई-पाई जोड़कर जमा किए रुपए की चिंता साफ नज़र आ रही थी. कई महिला खाताधारक तो अपने जमा पूंजी डूबने के डर से फूट-फूट कर रो पड़ीं. वास्तव में मलकापुर को-ऑपरेटिव और आदर्श बैंक घोटाला के मामले सामने आने के बाद अजंता बैंक के खाताधारकों की बेचैनी बढ़ना लाजिमी है. उधर, छह महीने तक लेन-देन बंद होने से कई खाताधारकों में कई तरह की परेशानिया उत्पन्न हो गयी है किसी के परिवार में शादी है, किसी के बच्चों की पढ़ाई व अन्य जरूरी काम है इस प्रतिबन्ध से इन सभी को बाधा पहुंचने की भी संभावना बढ़ गई है.

खाताधारकों का सवाल ‘आदर्श की तरह रुपए डूबा तब क्या?

शहरवासियों का मलकापुर को-ऑपरेटिव और आदर्श साख संस्था में करोड़ों रूपये फंस चुके हैं. ऐसे में आरबीआई की ओर से अजंता अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगाने की एक और खबर मिलते ही लोगों की बेचैनी बढ़ गई. अजंता बैंक की शाखा में पहुंचे खाताधारकों ने चेयरमैन से लेकर मैनेजर और कर्मचारियों से एक ही सवाल पूछा कि अगर ‘आदर्श’ की तरह उनके जमा रुपए भी डूब गए, तो क्या करेंगे. हर किसी के मन में रुपए के डूबने की आशंका से डर साफ दिख रहा था.

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