Rajya Sarkar की पोल खोलने में जुटा Shivsena Uddhav गुट मनाएंगे 12 दिवसीय अभियान.
Chandrapur : झूठे आश्वासन देकर सत्ता पर कब्जा करनेवाली केन्द्र और Rajya Sarkar की पालखोल अभियान का उपक्रम Shivsena (उध्दव बाल ठाकरे ) पार्टी की ओर से आगामी 1 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक निरंतर 12 दिन लिया जाएगा. ऐसी जानकारी चिमूर गड़चिरोली लोकसभा क्षेत्र के निरीक्षक आरमोरी के पूर्व विधायक डा. रामकृष्ण मडावी ने स्थानीय छत्रपति शिवाजी महाराज चौक के सा.बा. विभाग के सभागार में आयोजित पत्रकार परिषद में दी.
उपक्रम की जानकारी देते हुए कहा कि केन्द्र में सत्ता पाने के लिए भाजपा ने देश की जनता को अनेक आश्वासन दिए मात्र उक्त आश्वासन चुनावी जुमलेबाजी थे. ऐसा अब शिवसेना (उद्धव गुट) नेताओं का कहना है ऐन चुनाव के समय मुंबई के समुद्र में छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक का बड़ी धूमधाम से प्रधानमंत्री ने भूमिपूजन किया. इस स्मारक की एक भी ईंट लगाये हुए करोड़ों रूपये खर्च कर दिए गए अब तक यह अपूर्ण है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव के समय जनता को बड़े-बड़े सपने दिखाये परंतु एक सपना पूरा नहीं हो पाया है. दाऊद और माल्या को भारत नहीं लाया जा सका, स्वीस बैंक का काला धन देश में लाकर प्रत्येक भारतीय के खाते में 15 लाख डालने का आश्वासन झूठा साबित हुआ. किसानों का उत्पन्न दोगुना नहीं हो पाया. हर वर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार नहीं मिला, गंगा स्वच्छ नहीं हो पायी, महिला अत्याचारों में कोई कमी नहीं आयी, देश में 100 स्मार्ट सिटी नहीं बनी, बुलेट ट्रेन नहीं चली, आतंकवाद पर अंकुश नहीं लग पाया, महंगाई कम नहीं हो पायी, पेट्रोल-डीजल के दाम कम नहीं हो पाए, कश्मीरी पंडित वापस लौट पाए, केवल 9 वर्ष में जातिय, धार्मिक दंगे हुए हैं.
महंगाई आसमान छू रही है. बेरोजगारी बढ़कर 22 प्रश से 29 प्रश हो गई है. मणिपुर में महिला अत्याचार, अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ियों के साथ अन्याय के मामले सामने आए हैं. देश में प्रतिदिन 86 महिलाओं पर दुष्कर्म हो रहे हैं. 2019- 2021 तक देश में 13.13 लाख महिला लापता है. भ्रष्टाचार खत्म करने के नाम पर दागी मंत्रियों को पार्टी में प्रवेश दिया जा रहा है. कोरोना काल में मदद निधि के नाम पर करोडों का हेराफेरी आदि बातों को जनता तक पहुंचाने की जानकारी डा. मडावी ने दी.
पत्र परिषद में उपस्थित रहे पदाधिकारी और शिवसैनिक.
पत्र परिषद में प्रा. श्याम करंबे, प्रा. अमृत नखाते, अनुकूल शेंडे, डा. रामकृष्ण राखडे, केवलराव पारधी, यादव रावेकर, अमरअली सैय्यद, शामराव भानारकर, गोपाल चौधरी, दशरथ पिलारे, रामदास दहीकर, कल्पना तिजारे, विद्या मेश्राम, मिनाक्षी मारबते अन्य पदाधिकारी एवं शिवसैनिक आदि उपस्थित थे.