Wardha Government Hospital: Nanded के बाद खुल रही है महारष्ट्र के कई सरकारी अस्पतालों की पोल, मरीज़ो की संख्या बढ़ी लेकिन नहीं है दवा स्टॉक.

Wardha Government Hospital: Nanded के बाद खुल रही है महारष्ट्र के कई सरकारी अस्पतालों की पोल, मरीज़ो की संख्या बढ़ी लेकिन नहीं है दवा स्टॉक.

Wardha Government Hospital: Nanded के सरकारी मेडिकल कालेज में सुविधाओं के अभाव में अनेक मरीजों ने अपनी जान गंवाई. इसमें कुछ बालकों का भी समावेश है. इसके बाद राज्य के कई सरकारी अस्पतालों में दवाई के स्टाक की कमी के साथ ही अन्य असुविधा उजागर हो रही है. सीएस कार्यालय सूत्रों के अनुसार जिले के सरकारी अस्पतालों में दवाई का स्टाक आगामी 15 दिन चलेगा, इतना ही दवाई का स्टाक उपलब्ध होने की बात सामने आयी है.

सरकार द्वारा नियुक्त संबंधित एजेंसी ने पिछले ढाई वर्ष से जिला अस्पताल को दवाई की आपूर्ति न करने की बात कही गई है. वहीं गत कुछ दिनों से डेंगू, मलेरिया, वाइरल फीवर के मरीज बढ़ने से अस्पतालों में इलाज के लिए काफी भीड़ हो रही है. 

बाल रोग विभाग में भी मरीज़ो की संख्या में बढ़त.

प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के बालरोग विभाग में 6 माह से ऊपर आयु के करीब 15 पेशन्ट इलाज ले रहे है. इसमें 10 बालक व 5 बालिकाएं है, जबकि एक 9 वर्षीय पेशन्ट डेंगू से ग्रस्त बताया गया. वहीं एसएनसीयु विभाग जो की नवजात शिशुओं के लिए है. यहां कुल 25 नवजात शिशुओं पर इलाज चल रहा है. इसमें 18 बालक व 4 बालिकाएं शामिल है.

बालरोग विभाग व एसएनसीयु विभाग में आगामी 15 दिनों तक चलेगा इतना ही अत्यावश्यक दवाईयों का स्टाक उपलब्ध होने की जानकारी है. यही स्थिति ग्रामीण व उपजिला अस्पताल के एनबीएसयु विभाग की है, संबंधित एजेन्सी द्वारा दवाइयों की आपूर्ति न होने से जिला नियोजन समिति तथा अन्य माध्यमों से उपलब्ध निधि की बदोलत दवाई की खरिदारी अस्पताल प्रशासन कर रहा है.

जिला औषधि भंडार में 1 जिला अस्पताल, 2 उपजिला अस्पताल व 8 ग्रामीण अस्पतालों के लिए स्टॉक रखा जाता है. यहां भले ही 1 माह तक चलेगा इतना स्टाक उपलब्ध बताया जा रहा है. परंतु गत कुछ दिनों से सभी अस्पतालों की ओपीडी दो से तीन गुना बढ़ गई है. इसलिए दवाई भी बड़े पैमाने पर लग रही है. परिणामवश उक्त स्टाक 15 भी चलेगा या नहीं. यह डर बना हुआ है. नांदेड़ की घटना के बाद सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं.

आरहे है प्रतिदिन 1,500 मरीज़.

उल्लेखनीय हैं कि, जिला अस्पताल में प्रतिदिन 7 से 8 मरीजों का ओपीडी में पंजीयन होता है. पिछले कुछ दिनों से डेंगू, मलेरिया, वाइरल फीवर, कीटजन्य व जलजन्य बिमारी के मरिजों की संख्या बढ़ने से प्रतिदिन डेढ़ हजार मरीजों का पंजीयन हो रहा है. अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य यंत्रणा पर काम का बोझ बढ़ गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

four × 2 =