Medical Hospital यवतमाल में हुई 10 दिन में 70 मौते जानिए क्या है पूरी खबर.
यवतमाल: स्थानीय वसंतराव नाईक चकित्सा महाविद्यालय तथा Medical Hospital में रोजाना भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है. साथ ही समीप के तेलंगाना राज्य से भी मरीज बड़ी संख्या में यवतमाल आ रहे हैं. हालांकि यहां भर्ती हुए मरीजों को दवा बाहर से खरीद कर लानी पड़ती है. दवा की कमी के साथ विभिन्न कारणों से यवतमाल के अस्पताल में विगत दस दिनों में 70 मरीजों की मौत हो चुकी है.
शहर सहित जिलेभर में डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस गंभीर बीमारियों की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके चलते मरीज की स्थिति नाजुक होने से पूर्व मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. गंभीर मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया जाता है, किंतु यहां अधिकांश दवाएं बाहर से लाने के लिए कहा जाता है. जिससे गरीब मरीजों को बेवजह आर्थिक बोझ भी सहना पड़ रहा है.
सीमित मानव संसाधन के चलते इस क्षेत्र की स्वच्छता भी प्रभावित हो रही है. यहां गंदगी के आलम से मरीज तथा उनके परिजनों के स्वास्थ्य खतरा मंडरा रहा है. इस कारण रुग्णालय परिसर तथा वार्डो की सफाई नियमित करने की मांग की जा रही है. यहां के शौचालय तथा पेशाब घर में तो गंदगी का अंबार लगा है. परिसर में फॉगिंग मशीन नहीं होने से मच्छरों की संख्या भी काफी बढ़ गई है.
अबतक नहीं आयी एमआरआई मशीन.
मेडिकल के लिए शिरडी संस्थान ने 2018-19 में एमआरआई मशीन के लिए 13 करोड़ रुपए मंजूर किए थे, किंतु यह मशीन 16 करोड़ की होने से अतिरिक्त राशि का प्रस्ताव भेजा गया. यह राशि हापकीन को दी गई किंतु एमआरआई मशीन आई ही नहीं. एमआरआई मशीन के लिए यहां कक्ष का भी निर्माण किया गया है. किंतु अभी तक एमआरआई मशीन नहीं आई. परिणामस्वरूप मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
केवल 100 प्रकार की दवा उपलब्ध.
यवतमाल मेडिकल में 500 प्रकार की दवाइयों की आवश्यकता है. लेकिन यहां पर केवल 100 प्रकार की दवा ही उपलब्ध हैं. परिणामस्वरूप दवा के लिए मरीज के परिजनों को आर्थिक बोझ सहना पड़ रहा है.