बजट 900 करोड़, G20 सम्मलेन में खर्च हुआ 4254 करोड़ से ज़्यादा!
Delhi : G20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन से भारत का कद वैश्विक मंच पर और बढ़ा है. सम्मेलन में शामिल होने आए शीर्ष राष्ट्राध्यक्ष और प्रतिनिधि भारत की सनातन अवधारणा वसुधैव कुटुंबकम से अभिभूत होकर लौटे. यह अलग बात है कि G20 शिखर सम्मेलन के दो दिवसीय आयोजन पर सरकार ने अलग-अलग मदों में अनुमानित 4255 करोड़ रुपए खर्च किए. इस आयोजन पर आए खर्च को लगभग 12 श्रेणियों में बांटा गया था.
आईटीपीओ ने खर्च किये 3600 करोड़.
भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) ने कुल बिल का 87 फीसदी यानी 3600 करोड़ रुपए खर्च किए. आईटीपीओ ने सिर्फ भारत मंडपम का ही निर्माण नहीं किया है, बल्कि ऐसी अचल संपत्तियों को भी बनाया है, जो दिल्ली के सौंदर्यीकरण के लिहाज से जरूरी हैं.
सुरक्षा व्यवस्था में लगे 340 करोड़.
दुनिया भर से आए अतिविशिष्ट मेहमानों और प्रतिनिधियों की सुरक्षा भी एक बड़ा मसला था. इस त्रिस्तरीय सुरक्षा का तीसरा चक्र दिल्ली पुलिस के हवाले थे, जिसे इसके लिए 340 करोड़ रुपए दिए गए.
दिल्ली में जी20 ब्रांडिंग में लगे 65 करोड़.
भूतल परिवहन मंत्रालय ने 26 करोड़ रुपए, दिल्ली विकास प्राधिकरण ने 18 करोड़, दिल्ली सरकार के वन विभाग ने 16 करोड़ और एमसीडी ने 5 करोड़ रुपए खर्च किए.
खूबसूरत भारत मंडपम के लिए खर्च हुए 2700 करोड़.
2700 करोड़ रुपए इंटरनेशनल एक्जिबिशन कम कन्वेंशन सेंटर में भारत मंडपम के निर्माण और उसके सौदर्यीकरण पर खर्च हुए यहां 27 फीट ऊंची और 18 टन वजनी अष्टधातु की नटराज की मूर्ति अमेरिकी राष्ट्रपति समेत अन्य विदेशी मेहमानों के आकर्षण का केंद्र रही. इसके निर्माण में सात महीने से ज्यादा का वक्त लगा.
125 फव्वारे और 70 प्रतिमाएं.
दिल्ली को सुंदर दिखाने के लिए पीडब्ल्यूडी समेत वन विभाग ने 125 फव्वारे और 70 प्रतिमाएं अलग-अलग स्थानों पर लगाई.
सड़के चमकाने के लिए खर्च हुए 22 करोड़.
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से प्रगति मैदान तक की सड़कों को अंतरराष्ट्रीय लुक देने के लिए 22 करोड़ खर्च किए. 2023-24 के बजट में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए 990 करोड़ रुपए का ही प्रावधान किया गया था.