Chandrapur Super Thermal Power Station (CSTPS) 660 मेगावॉट की सुपर क्रिटिकल यूनिट लगाने की योजना है.

Chandrapur Super Thermal Power Station (CSTPS) 660 मेगावॉट की सुपर क्रिटिकल यूनिट लगाने की योजना है.

चंद्रपुर :

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चंद्रपुर बिजली घर की कुछ इकाइयों को मुनाफा में लाने तथा एमईआरसी द्वारा तय मानदंडों को आधार पर सीएसटीपीएस (CSTPS) को चलाने का प्रयास.महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा दिए गए मापदंडों के तहत बिजलीघर का प्रदूषण रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं – मुख्य अभियंता गिरीश कुमरवार.

 

उन्होंने बताया कि घाटे में चल रही चंद्रपुर बिजली घर की कुछ इकाइयों को मुनाफा में लाने तथा एमईआरसी द्वारा तय मानदंडों के आधार पर सीएसटीपीएस को चलाने का वे प्रयास करेंगे. श्री कुमरवार ने बताया कि, चंद्रपुर ताप बिजलीघर की कुल उत्पादन क्षमता 2920 मेगावाट है. यह राज्य में थर्मल पावर प्रोजेक्ट्स से उत्पादित कुल बिजली में 30 प्रतिशत का योगदान दे रहा है. महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा दिए गए मापदंडों के तहत बिजलीघर का प्रदूषण रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं.

चंद्रपुर ताप बिजलीघर के मुख्य अभियंता गिरीश कुमरवार ने यहां बताया कि, महाजेनको की चंद्रपुर स्थित 210-210 मेगावॉट के डिसमेंटल किए गए यूनिट क्रमांक एक तथा दो के स्थान पर 660 मेगावॉट का सुपर क्रिटिकल यूनिट लगाने की योजना है. इस संबंध में नीतिगत निर्णय लेने की प्रक्रिया चल रही है. सीएसटीपीएस के मुख्य अभियंता का पद भार संभालने के बाद आज पहली बार वे पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा कर रहे थे.

कुमरवार ने बताया कि बिजली की मांग को देखते हुए 35 वर्ष पूर्ण कर चुकी यहां की 3 और 4 नंबर की यूनिट को आगामी दस वर्षों तक शुरू रखने की योजना है. इन यूनिटों में आधुनिक उपकरण लगाने का प्रस्ताव है.

उन्होंने बताया कि प्लांट को बिजली उत्पादन हेतु प्रतिदिन 45 हजार मीट्रिक टन कोयला लगता है. जिससे करीब 35 प्रतिशत राख निकलती है. इस राख के शत-प्रतिशत पुनरुपयोग के लिए प्रयास जारी हैं. फिलहाल 45 प्रतिशत राख जिले के विभिन्न उद्योगों को दी जा रही है.

उन्होंने यह भी बताया कि शहर से निकलने वाले गंदे पानी पर प्रक्रिया कर उसे बिजलीघर में इस्तेमाल करने के लिए यहां सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं. शहर से सीएसटीपीएस तक पाइप लाइन बिछाने का काम एक दो माह में पूर्ण हो जाएगा. इससे सीएसटीपीएस को प्रतिदिन 50 एमएलडी पानी मिलने की उम्मीद है.

इस अवसर पर बिजली घर के उप मुख्य अभियंता डॉ. भूषण शिंदे, विराज चौधरी, श्याम राठोड़, अनिल पुनसे, महेश राजुरकर तथा जनसंपर्क अधिकारी यशवंत मोहिते उपस्थित थे.

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