Supreme Court Marathi Board Decision: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला महाराष्ट्र में हर दुकानदार को लगाना होगा मराठी बोर्ड.

Supreme Court Marathi Board Decision: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला महाराष्ट्र में हर दुकानदार को लगाना होगा मराठी बोर्ड.

Supreme Court Marathi Board Decision: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने दुकानों पर मराठी बोर्ड लगाकर आंदोलनात्मक रुख अपनाया था. कारोबारी सुनने को तैयार नहीं थे. आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया और व्यापारियों को दो महीने के भीतर दुकानों पर मराठी में साइन बोर्ड लगाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने स्वागत किया.

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जिसके बाद वणी शहर में मनसे कार्यकर्ताओं ने पटाखे की आतिशबाजी करते हुए खुशी जाहिर की. दशहरा दिवाली से पहले दुकानों पर मराठी बोर्ड लगाकर कारोबार बढ़ाने का समय है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुंबई और राज्य के व्यापारियों को दो महीने के भीतर अपनी दुकानों पर मराठी बोर्ड लगाने का आदेश दिया. इसके समर्थन में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की ओर से वणी विधानसभा क्षेत्र की ओर से छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने जल्लोष मनाया.

पिछले साल राज्य सरकार ने महाराष्ट्र की सभी दुकानों पर मराठी भाषा में बोर्ड लगाने का आदेश जारी किया था. इसे फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने अदालत में चुनौती दी थी. दुकानों के साइन मराठी भाषा में होने का आदेश अतार्किक है. याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि राज्य सरकार भाषा को लेकर दुकानदारों पर भारी वित्तीय बोझ नहीं डाल सकती है. इस फैसले के खिलाफ व्यापार संघ ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.

इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मराठी बोर्ड लगाने के लिए दो महीने की डेडलाइन देते हुए मामले की सुनवाई दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी. पार्टी नेता राजू उंबरकर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और मराठी बोर्ड लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आभार जताया. उन्होंने यह भी राय व्यक्त की कि सभी व्यापारियों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सहयोग करना चाहिए.

आंदोलन के कारण मनसे कार्यकर्ताओं सहित राज ठाकरे को जाना पड़ा था जेल.

पिछले 17 वर्षों से पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे आक्रामक रूप से इस बात की वकालत करते आ रहे हैं कि महाराष्ट्र में दुकानों के साइन मराठी में होने चाहिए. इसके लिए निरंतर आंदोलन किए गए. आंदोलन के दौरान अनेक मनसे कार्यकर्ताओं सहित उनको भी जेल जाना पड़ा था. आखिरकार कोर्ट ने इस मुद्दे पर फैसला कर दिया है. सभी व्यापारियों को दो महीने में मराठी बोर्ड लगाने का आदेश दिया गया है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार.

– राजू उंबरकर नेता, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना

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