मुंबई, मराठा और धनगर आरक्षण का मुद्दा पहले से ही राज्य सरकार के गले की हड्डी बना हुआ है. इस बीच उपमुख्यमंत्री Ajit Pawar द्वारा Muslim Reservation की डिमांड उठा दिए जाने से सीएम Eknath Shinde एवं डीसीएम देवेंद्र फडणवीस सकते में आ गए हैं. उल्लेखनीय है कि राज्य की युति सरकार में अजीत पवार के शामिल होने से शिंदे गुट के विधायकों के साथ बीजेपी के विधायक पहले से ही असहज हैं.
डिप्टी सीएम अजीत पवार भले ही महायुति में शामिल हैं परंतु उनकी नजर अल्पसंख्यक वोटों को साधने पर लगी हुई है. मुस्लिम समाज को भी 5 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग पहले से ही होती रही है. पिछली एमवीए सरकार जिसमें अजीत पवार भी डीसीएम थे, उस समय भी मुस्लिम आरक्षण को लेकर निर्णय हुआ था.
Muslim Reservation पर अजीत पवार के स्टैंड से महायुति में मतभेद.
अब एक बार फिर मुस्लिम आरक्षण को लेकर अजीत पवार के स्टैंड से महायुति में मतभेद नजर आ रहा है. पिछले दिनों अजीत पवार ने मौलाना आजाद आर्थिक विकास महामंडल को ज्यादा निधि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था. इसके पहले सीएम और डीसीएम फडणवीस के विभागों में हस्तक्षेप कर बैठक भी ली थी.
अजित पवार को वित्त मंत्री पद जाने की चिंता.
भाजपा नेता व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुंबई दौरे के दौरान डीसीएम अजीत पवार की नामौजूदगी चर्चा में है. इसी बीच अजीत ने बारामती में एक कार्यक्रम में कहा कि हमारी संस्थाएं मजबूत होनी चाहिए. वे आर्थिक रूप से सक्षम हों. आज मैं कैबिनेट में हूं. मेरे हाथ में वित्त विभाग है लेकिन मुझे नहीं पता कि यह टिकेगा या नहीं. उनके बयान पर नई बहस शुरू हो गई है.