वणी तक मिले लावारिस फेंकी जारही एक्सपायर दवा के तार.
वणी: मारेगांव तहसील के जलका गांव के पास तिवसाला के जंगल में 6 जुलाई को एक्सपायर हो चुकी दवाओं का भंडार मिला था. अब यह जानकारी सामने आई है कि इस मामले के तार वाणी तक जुड़े नज़र आरहे है. इस मामले में खाद्य व औषधि प्रशासन ने वणी के एक वितरक की जांच शुरू कर दी है. आरोप साबित होने पर वितरक का लाइसेंस रद्द होने की पूरी संभावना है. मारेगांव तहसील के जलका गांव के पास पांडवदेवी मंदिर है. 6 जुलाई को इसी इलाके के तिवसाला जंगल में एक्सपायर हो चुकी दवाओं का भंडार मिला था.
इस दौरान टेबलेट के पांच-छह बड़े बैग, सैनिटाइजर की बोतलें, डिटॉल की बोतलें, सलाइन की बोतलें और कुछ अन्य दवाएं लावारिस पड़ी मिली थीं.यह मामला सामने आते ही यह सवाल उठने लगा था कि यह दवाएं सरकारी हैं या निजी दुकान की इस मामले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त मिलिंद कालेश्वरकर ने घटनास्थल का दौरा करके दवाओं का स्टॉक जब्त किया. इसके बाद मारेगांव थाने में शिकायत दर्ज कराई गई.
पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इस मामले की जांच के दौरान दवाओं पर बैच नंबर की जांच की गई, तो यह पता चला कि यह दवा वणी के एक वितरक की थी. इसके बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है. संबंधित वितरक से इन दवाओं के बारे में विश्वसनीय जानकारी मांगने के बाद 11 अगस्त को यह जानकारी प्रदान की गई. अब इन दस्तावेजों का सत्यापन चल रहा है और अगर यह साबित हो गया कि एक्सपायर हो चुकी दवाओं का स्टॉक वणी में वितरक ने फेंक दिया था, तो उसका लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है.
यह मामला सामने आने के बाद जब हमने मामले की जांच की तो हमें शक हुआ कि ये एक्सपायर हो चुकी दवाएं वणी के एक वितरक की हैं. जिस के बाद जांच शुरू कर दी गई है. उसके पास मौजूद दस्तावेजों की जांच की जा रही है.
– मिलिंद कालेश्वरकर, सहायक आयुक्त, अन्न एवं औषधि प्रशासन.